Gazal

ये सच है उजड़े चमन पर बहार आ जाए।
हमारे हाथ में गर इख्तेदार आ जाए।

में उससे इश्क़ का इजहार करने वाला हूं।
खुदा करे के उसे ऐतबार आ जाए।

है बेकरार ये दिल तेरे दीद के खातिर।
हो दीद तेरा तो दिल को करार आ जाए।

हर एक रोज़ यू जाता हूं डाकखाने में।
के शायद आपका एक रोज़ तार आ जाए।

कयामत आयेगी इस शहर में हकीकत है।
मेरा हबीब जो करके सिंगार आ जाए।

भला क्या कैफियत होगी ज़रा बताओ हमे।
अगर चे ज़ेरे पा रस्ते में खार आ जाए।

मै हूं अलील शिफा याफ्ता में हो जाऊं।
मेरा वो पूछने गर हालो ज़ार आ जाए।

वो मुझसे कहने लगी ए शजर मेरे हक में।
दुआ करो के उन्हें मुझपा प्यार आ जाए।

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